ख़ुद को समझने के लिए
ख़ुद को समझने के लिए
कर्मो के बंधन को समझ
सबसे कड़ा है बन्धन ख़ुद को शरीर देखना
मैं मैं इक शक्ति हुँ, ना कि ये शरीर हूँ
ख़ुद को आत्मा समझ, दुसरो को आत्मा समझ
भाई भाई दृस्टि से, पवित्रता को धारण कर,
ब्यर्थ से न्यारे रहना,हर पल ये समझना
लाइट के शरीर मे, मैं आत्मा बिंदु रूप
हर बंधन से न्यारे हमे है रखता,
सबसे कड़ा है बंधन, वर्षों से,
ख़ुद को शरीर देखना
उसे हमे है काटना
बाबा के प्यार से, बाबा की शक्ति से
बाबा से मिले अनुभव से, बाबा के स्वमान से,भट्टी से मिले युक्ति से,अपने दृढ़ nichhhaye से,
ज्वालारूपी योग से भस्म हमे है करना
सारे suchham बंधन💥
ओम शांति🙏
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