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Showing posts from September, 2022

Mosam pyar ka

मौसम ने ली अँगड़ाई, भीगी भीगी रात है रात की रानी हरसिंगार के साथ है ख़ुश्बू से महकी है फूलों की गली ऐसे में तेरे प्यार की खुशबू ले आयी है अपने गली दूर ही सही पर रहती मेरे पास ही तुम  दिल ने कहा दिल से फिर छिड़ी रात बात फूलों की,रात है या बारात फूलों की आओ जी ले इस पल को जो है अपने पास फिर ये पल हो न हो 

jadugar

ये क्या हो रहा है किसे मैं सुनाऊ, हाल- दिल अपनी किसे सुनाऊ,क्या क्या बताऊँ आपसे किया है क्या आपने जादू से अपनी जादू कर गए हो,जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो,ख्यालो में तुम हो,यादों में तुम हो,बस गए हो इस दिल मे,चुपके चुपके आते हो दिल मे उत्तर जाते हो,साँसों में मेरी खुशबू बन बिखर जाते हो,इस दिल का जुनून भी तुम हो,सुकूँ भी तुम हो क्या क्या बताऊँ आपसे किया है क्या आपने ना दिन को सुकूँ है ना रातों को चैन हर पल तेरी यादों में रहती हूँ गुम, देखे जो कोई आँखों मे मेरी,मिलती है तेरी ही छबि, क्यू ऐसे सत्ता रहे हो,यादों से अपनी रुला रहे हो,आ जाते हो जब कुछ पल के लिए मिल जाती है दिल को सुकूँ। तू प्यार ले के आया है मेरी ज़िंदगी में वो मेरे जादूगर