सुनो !!
सुनो ना,
तुम्हे पता है
सिर्फ तेरे बाते करने से
ये ह्रदय का कोलाहल
सब शांत हो जाते
तेरी आवाज सुन
मन के उथल पुथल
बेचैनी सब शांत हो जाते
तुम्हारे साथ जब हम होते
मानो चारो तरफ इक रोशनी हो
रूहानी एक ख़ुशबू हो
मन की तरंगें बस शांत
उस खुशबू में खो सी जाती है
लगता है ये वक़्त थम जाए
हम यूं ही एक दूजे में खोये रहे
क्या इसी को कहते हैं प्रेम?
कहीं पढ़ा था
गर किसी की आवाज सुन
मन की उथल पुथल
शांत होने लगे
तो समझना वो ही
तुम्हारा आत्मिक साथी है
उसे कभी खोना नहीं
दूर कभी होना नहीं
पास बुलाना बार बार
दूर जाने देना नहीं
ये प्रेम अलग है
अजूबा अनोखा रूहानी है
जो रहने वाला है
युगों युगों तक,,,,
युगों युगों से चली आ रही है
उसे कभी खोना नही
अपने से दूर जाने देना नही।।
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