तुम जैसे
हर बार की तरह
मिलता मुझे इंतज़ार
क्यू हर बार रोना, इंतज़ार, बेचैनी मिलती
हम तो रहतें हैं, हरपल, तेरे लिए हाज़िर
वादा करके मशगुल हो जाते हैं वो
वो कहते हैं हमसे
कोई है, जो हमसे, शिकायत न करता
माना, कि वो शिकायत न करते
देखो न सही, जो हर पल है साथ तेरे
उसे क्या शिकायत
उनसे पूछो जाकर,बरसों से दूर रह कर
बातें करने को तरस जाते
बातें भी होती, कितने इंतज़ार बाद
जा तुम्हे, शिकवा शिकायत से,बरी कर देंगे हम
बन जाएंगे तुम जैसे
जैसे, सालों से तुम हो
ये वादा है तुमसे, बन जाएंगे हम तुम जैसे
समझ आ रहा है इतने दिनों में
मोहब्बत है, सिर्फ मेरा, सिर्फ मेरा
न तेरी ख़ता है,ना मेरी ख़ता
न शिकवा करुँगी, न शिकायत करुँगी
ये वादा है तुमसे, बन जाएंगे हम भी, तुम जैसे !!
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