माफ़ी

मुझे माफ़ करना जो तुझे रुलाई
तुझे भी रुलाया ओर खुद भी मैं रोई
मेरी चाहत बस इतनी
तुझे मैं सुनु ओर सुनती रहूँ
न चाहत मेरी ज्यादा
 न ख्वाहिश कुछ और की
बना लो अपने जैसा तुम जो भी कहोगे वही मैं करुँगी
मोह न रखूंगी पर प्यार तो करुँगी
जब तक हैं साँसें प्यार में रहूँगी
है दिल की तमन्ना, है रब से ये अर्जी
अगले जन्म ना देना जुदाई
 बातों को अपनी पन्नो पे लिख रही हूँ आँखों से आसूँ बह भी रहे अब
मैं रो भी रही हूँ 
तुम जो भी कहोगे वही मैं करुँगी
मुझे माफ़ करना जो तुझे रुलाई

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