न जाने क्यों
ना जाने क्यू
बीते दिनों से, हम रो रहें हैं
हर सुबह हर रात तेरी ही याद में
दिल कहता है--- बार बार
इक बार चले आओ
क्या चाह रहा ये दिल, बस हर पल, ढूढ रही है नज़रें
तुमको
काश, कुछ ऐसा होता, पल में तेरे पास मैं होती
तुझे देख ,दिल को सुकून मिलता
क्यों रो रहे हैं हर सुबह हर रात तेरी ही याद में
क्यु बेखबर से तुम हो,क्यू खोए खोए से रहते हो
क्या दिल की तड़पने का एहसास नहीं तुमको
इक बार सही आ जाओ मेरे पास
तेरी चाहत का हुआ ये असर है
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