बेजुबा
1...मैं बेजुबाँ सा रहता, तू प्यार में सब कह देती
ये मेरी जानेवफ़ा मेरी दिलरूबा
दिल ने कहा है दिल से , तेरा ग़म है मेरा ग़म
हम दोनों की हालत, इक जैसी सनम
मै बेजुबाँ सा रहता तु प्यार से सब कह देती
2..कहता है ये दिल तुमसे हज़ार बार
तुमनतुम न रही, मैं मैं ना रहा
तू मुझमें समायी मेरी धड़कनों बन कर
मैं तुझमे समाया,तेरी सांस बन कर
दो दिल मिल गए ऐसे इक जान हो जैसे
समंदर में उसकी लहरें हो जैसे
ये मेरी जानेवफ़ा मेरी दिलरूबा
3...हमारी मुहब्बत, बड़ी खूबसूरत बड़ी ही रूहानी
सबसे जुदा और सबसे अलग
तुम भी कुछ कहो ना, मेरी दिलरूबा वो मेरी जानेवफ़ा
मैं बेजुबाँ सा रहता तू प्यार से सब कह देती
4..किन अल्फाज़ो में सुनाऊँ दिल की दास्तां अब
हम साथ तेरे रहते इन हवाओं में,इन फिज़ाओं में
तेरी ही साँसों में
देखो तो सही तुम, हूँ पास पास तेरे,
हुँ साथ साथ तेरे, तेरे ही यादों में तेरी ही धड़कन में
तेरी ही साँसों में , किधर ढूढती हो मुझे मेरी जानम
मैं तुझमे समाया, तू मुझमे समायी
हम खो गए है तुझमे तू खो गयी है मुझमे
है पास तेरे इतने, दिल मे धड़कन हो जैसे
तू खो गयी है मुझमे, मैं खो गया हूँ तुझमे
दो दिल मिल रहें हैं मगर चुपके चुपके
है रूह का मिलन ये, वो मेरी जानेवफ़ा दिलरूबा
हम भी समझ रहे हैं तुम भी समझ रही हो
..मैं बेजुबाँ सा रहता तू प्यार से सब कह देती
5...इक़रार न कर सका पर इज़हार तो किया है
गीतों से अपनी एहसास को, मैं सुनाते रहे
तू सुनती रही चुप, मैं सुनाता रहा
जज़्बातों को मैं सुनाता गया
तू सुनती रही चुप,मैं सुनाता रहा
हम कह न सके, बस गुमशुम रहे, हर पल
दिल ही दिल से तुमसे कहता रहे बस
जान कर भी सब कुछ, कर न सका कुछ
मेरी दिल की आलम , तुम भी समझ रही हो
मैं बेजुबाँ सा रहता तुमसे न कुछ कहता
तुम भी कुछ कहो ना,कहो ना
ये मेरी जानेवफ़ा मेरी दिलरूबा मेरी सुकून मेरा प्यार
मैं बेजुबाँ सा
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