Intzaar


किन लफ्जों में, लिखूं, अपनी इंतज़ार का
ना किया है, कोई वादा, ना दी है,कोई उम्मीद
फिर भी, ना जाने,दिल करता है, क्यूँ इंतज़ार
मुझे हर पल रहता है,क्यूँ तेरा ही इंतज़ार 
हर लम्हें में होते हैं, तेरे ही एहसास
आँखें भी मेरी,करती सवाल पलकों से
हर वक़्त आपको, ही,बस याद क्यूँ करती हैं,
जब तक ना, कर लें दीदार,आपका,
तब तक,वो करेगी,इंतज़ार आपका💞💕💕❤️







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