Kaash

काश मेरी खामोशी को समझ पाते
  कितना दर्द छुपा है इस दिल मे समझ पाते
     रोती हूँ  बिलखती हूँ तुम्हे याद कर
       कितना इंतज़ार करूँ हर बार कई बार
         बस इंतज़ार ही ज़िंदगी बन गयी है
काश तुम समझ पाते मेरी हर दर्द का दवा सिर्फ तुम हो
      
  

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