Pal
बेचैन रूह जब मिली उस रूह से,भर ली हैं साँसे वो उस रूह की,सांसें जब लेती है उस रूह की,खुश्बू सी भर लेती है तन मन मे,नैनो को देखती वो इस तरह से जैसे साँसे भी अपनी रोक ले उस पल की,पागल सी हो जाती जब मिलती उस रूह से ।
काश ऐ पल थम जाए, नैनो में हम बस जाए ,काश ये पल थम जाए
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