Shikwa

शिकवा न कोई शिकायत करेंगे, दिल की किताबें जो पढ़ ली है मैंने, दिल का सवालों का जबाब मिल गया अब जो,शायद उस रब नें, इस दिल के सवालों का, जबाब कुछ,ऐसे बताना था,तभी ये छोटी सी प्यारी सी नोंक झोंक हुई।
शिकवा न कोई शिकायत करेंगे, दिल की किताबें जो पढ़ ली है मैंने।
आएगा कभी न वैसा दिन जो भूल हो गयी थी,भुला देना वो बातें जो भूल से तुमको बोली,मुझे माफ़ करना तुम,अज्ञानवश जो तुम्हे बोल बैठी थी।

दिल ने है चाहा, हर वक़्त तुमको,दिल पे किसी का जोर चलता नही है,अब तुम्ही बताओ, दिल की ख़ता, की सज़ा ,अब क्या दोगे,मेरी क्या, ख़ता इसमें, तुम्ही बताओ,सज़ा जो दोगे, वो मंजूर है,मेरी इस ख़ता का अब सज़ा तुम्ही दोगे।।।।

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